जनदर्पण
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जय-जय प्रथमेश,जय जय गणेश। जयहो तुम्हारी, सुत गौरीमहेश् । बिघ्नहर्ता तुम बिघ्न हरो,मोद्क प्रियम मगंल करो। सत्ताधारियों को सदबुध्दी दो, प्रजा में साह्स भरो। हम अगवानी में खड़े, जोड़ अपने करबध्। आते हो तो तुम, खुशियां छा जातीं सर्वत्र्। आओ बिराजो ह्र्दय हमारे,अभिनन्दन तुम्हारा अभिनन्दन। शीश झुकाए हम खड़े हैं, प्रभू ,तुम्हारे चरणों मे शत-शत बन्दन्। गणपति बप्पा मौर्या-मगंल मूर्ती मौर्या।
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