जनदर्पण
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शुभ सुखद यह नव वर्ष हो,
जन- जन में हर्ष हो,
दूर हो जायें अवगुण सारे,
जीवन में सदगुणों का उत्कर्ष हो
मेरा भारत बने ऐसा चमन
जिसमें फिर लुटे, न कोई दामिनी,
राम जन्में घर-घर यहां ,
पौरूष में मर्यादा का ऐसा अर्श हो
भारती तिरंगा गर्व से फहराता रहे,
प्रहरी हिम रक्षा गीत गाता रहे
गूजें चहुं, जय घोष वन्दे मातरम
शुभलाभ सुख-शान्ती का ये वर्ष हो,
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