जनदर्पण
- 48 Posts
- 572 Comments
हिय मेरे तु बसे
नयनन प्रेम गुलाल
गरवा मिल तु आइके
भूल के सब मलाल
रंगा गांव चोपाल है,
पनघट हो गया लाल,
नव यौवना सी लगे भोर,
बधू सी लागे सांझ
चंचल चपला हुई निशा
तारे करें श्रंगार
मदमस्त फाग बयार में
अम्बर बर्षाए नेह
पचरंगी चूनर हुई,
धरणी की भीजे देह
तन से मै रुक्मणी बनूं
मन राधा बन जाय
कान्हा तू मेरा बने
रंग, श्याम मो्हि आय
Read Comments